न्याय मिलने पर बुजुर्ग दंपत्ति के छलके आंसू

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देहरादून। जनपद के विकास नगर में एक बेटे ने अपने बुगुर्ज माता-पिता से 3080 वर्गफुट की संपत्ति अपने नाम करवा ली। लेकिन बदले में उसने अपने माता-पिता को दर-दर भटकने को छोड़ दिया। पोता-पोती से मिलने पर भी पाबंदी लगा दी। पुलिस और तहसील से लेकर न्यायालय के चक्कर लगाने के बावजूद बुजुर्ग दंपत्ति को न्याय नहीं मिला। इसके बाद मामला जिलाधिकारी के पास पहुंचा। डीएम ने बुजुर्ग दंपती को उनकी संपत्ति का अधिकार वापस दिलाया। इस आदेश के बाद बुजुर्ग दंपत्ति की आंखे भर आई।
     विकासनगर के एक बुजुर्ग दंपती उम्र के इस पड़ाव पर उनकी सभी उम्मीद धुंधली पड़ गई थी। उनके बेटे ने संपित्त के लिए उनका तिरस्कार कर दिया। परमजीत सिंह और अमरजीत कौर के बेटे ने 3080 वर्गफीट की संपत्ति (दो बड़े हाल शामिल) गिफ्ट डीड कर दी थी। गिफ्ट डीड एक कानूनी दस्तावेज है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति (दाता) अपनी संपत्ति (चल या अचल) किसी अन्य व्यक्ति (प्राप्तकर्ता) को स्वेच्छा से बिना किसी मौद्रिक प्रतिफल के हस्तांतरित करता है। संपत्ति का अधिकार मिलने पर बेटे ने बुजुर्ग माता-पिता को ही संपत्ति से बेदखल कर दिया। यहां तक कि उसने अपने बच्चों से भी मिलने पर पाबंदी लगा दी।
     न्याय के लिए बुजुर्ग दंपत्ति ने पुलिस, तहसील और अवर न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद ये मामला जिलाधिकारी सविन बंसल के पास पहुंचा। जिलाधिकारी कोर्ट में सुनवाई के बाद सार्वजनिक सूचना के माध्यम से आपत्ति मांगी गई। बुजुर्ग दंपत्ति को न्याय दिलाते हुए जिलाधिकारी ने गिफ्ट डीड को निरस्त कर दिया। साथ ही संपत्ति पर वापस परमजीत सिंह और उनकी पत्नी अमरजीत कौर को कब्जा दिलाया। संपत्ति वापस मिलने के बाद बुजुर्ग दंपती के आंसू छलक पड़े।
     जिलाधिकारी के अनुसार बेटे ने गिफ्ट डीड की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया था। गिफ्ट डीड की शर्त के अनुसार बेटा माता-पिता को अपने साथ रखकर उनकी सेवा करेगा। साथ ही पोते-पोतियों को मिलने से नहीं रोकेगा।