ऋषिकेश एम्स का डॉक्टर बनकर छिपा भगोड़ा

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नई दिल्ली। ऋषिकेश एम्स का डॉक्टर बताकर छिपे आरोपी को क्राइम ब्रांच ने हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी 10 सालों से ठगी के आरोप में फरार चल रहा था।
जानकारी के अनुसार राजकुमार ने 2007 में रूप नगर स्थित सरकारी बैंक से फर्जी दस्तावेजों पर वाहन लोन लिया था। इस मामले में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन कुछ समय बाद उसे जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद राजकुमार ने 2015 में उसने बुराड़ी में एक प्लॉट दो लोगों को बेचकर 25 लाख रुपये की ठगी की थी। ठगी से इस मामले में उसके खिलाफ केस दर्ज हो गया। जिसके बाद राजकुमार ने दोनों पीड़ितों को चेक दिया। पीड़ितों ने चेक बैंक में लगाया तो पता चला कि राजकुमार का खाता तो पहले से ही बंद हो चुका है। जब पुलिस ने राजकुमार के खिलाफ कार्रवाई शुरू तो वह परिवार के साथ फरार हो गया। जिसके बाद 2016 में कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया।
क्राइम ब्रांच की टीम राजकुमार की तलाश में तकनीकी सर्विलांस और स्थानीय सूचना के आधार पर उसकी तलाश में जुटी रही। जिसके बाद उसे हरिद्वार से दबोचा लिया गया। जांच में सामने आया कि आरोपी ने बीए करने के बाद
के बाद बुराड़ी में अखबार और मैगजीन शुरू की थी, लेकिन ठगी करना अभी भी नहीं छोड़ा था। हरिद्वार में वह खुद को डॉक्टर बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था, जबकि उसका बेटा एलएलबी और बेटी बी.फार्मा की पढ़ाई कर रही है।