नेपाली नागरिकों को बंधक बनाने के तीन आरोपी गिरफ्तार

काशीपुर आईटीआई थाने में शनिवार को तीनों आरोपियों के साथ एसएसपी व पुलिस टीम।

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काशीपुर। गुरुवार को नेपाली दूतावास के प्रतिनिधि नवीन जोशी की शिकायत के बाद पुलिस ने बंधक बनाए गए 32 नेपाली नागरिकों को मुक्त कराया था। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।
बता दें कि कुछ नेपाली नागरिकों को काशीपुर के श्यामपुरम क्षेत्र के ओम विहार कॉलोनी में महाराज सिंह उर्फ पप्पू के मकान में बंधक बनाकर रखा गया था। पुलिस को पूछताछ में पता चला कि पीड़ितों को 6 माह पहले उन्हें बिरेंद्र शाही पुत्र छत्र शाही निवासी धनगढ़ी जिला डोटि नेपाल और सचिन पुत्र शैलेन्द्र निवासी कूडालंबी थाना खानपुर जिला गाजीपुर यूपी, हाल निवासी आवास विकास काशीपुर नौकरी के नाम पर बहला-फुसलाकर भारत लाए थे।
          शनिवार को आईटीआई थाने में एसएसपी मणिकांत मिश्र ने मामले का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीम ने आरोपी बिरेंद्र शाही, सचिन कुमार और मनीष तिवारी पुत्र पूरन चंद तिवारी निवासी रातीघाट थाना भवाली नैनीताल हाल निवासी आस्था एनक्लेव दक्ष चौक के पास रुद्रपुर को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह दिल्ली की एक कंपनी से जुड़े हुए हैं। जिसमें की चैन सिस्टम के द्वारा काम किया जाता है, लेकिन वह लोग सिस्टम का पालन न करते हुए लोगों के साथ धोखाधड़ी कर पैसे वसूल रहे थे। मामले के खुलासे के दौरान एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने कहा कि आरोपी जिस कंपनी से जुड़े होने की बात कह रहे हैं। उस कंपनी की भी जांच की जाएगी कि कहीं वह भी तो आरोपियों के साथ संलिप्त नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
          इधर नेपाली दूतावास के प्रतिनिधि नवीन जोशी के अनुसार लगभग 500 से 600 नेपाली नागरिक अभी भी लापता हैं। उन्होंने बताया कि नेपाल पुलिस ने दूतावास को एक लिस्ट भेजी थी। लिस्ट के अनुसार लापता नागरिक ऐसे ही कामों के लिए भारत आए हुए हैं। जिनका पिछले लगभग एक साल से कोई अता-पता नहीं है। वह उनकी खोजबीन कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि अगर कहीं भी किसी मकान में ज्यादा नेपाली लड़के या नाबालिग रह रहे हैं। तो वह उसकी सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दें। जिससे ऐसे अन्य बंधक नेपाली मूल के लोगों को उनके चंगुल से छुड़ाकर उनके घर भेजा जा सके।