अल्मोड़ा। जनपद के रानीखेत क्षेत्र में उधार के तीन हजार रुपये और डांट ने नाराज बेटी ने सौतेले पिता के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदजा दर्ज करवा दिया। आरोप के बाद पिता 11 माह से ज़ेल में बंद है। जांच रिपोर्ट और परिजनों की गवाही के बाद आरोप गलत मिले। अन्याय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो श्रीकांत पाण्डेय ने गुरुवार को मामले में फैसला सुनाते हुए पिता को दोषमुक्त किया।
अधिवक्ता जमन सिंह बिष्ट के अनुसार, रानीखेत कोतवाली में जून 2023 में एक 17 साल की किशोरी ने अपने सौतेले पिता पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। किशोरी ने पुलिस को बताया था कि उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी। इसके बाद से वह अपनी दादी के साथ मेरठ में रहती थी। बीते साल ही वह मां के पास गांव आई थी। युवती ने आरोप लगाया था कि सौतेले पिता के साथ दादी का झगड़ा होने पर वह कहीं चली गईं। इसका फायदा उठाकर सौतेले पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। दुष्कर्म की शिकायत सौतेले भाई से की तो पिता ने उसके साथ मारपीट और जान से मारने की कोशिश की। मामले में रानीखेत कोतवाली ने सौतेले पिता पर मुकदमा दर्ज कर कुछ समय बाद जेल भेज दिया।
मामले में पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया। रिपोर्ट में पीड़िता का यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट (यूपीटी) निगेटिव निकला। कहीं भी कोई चोट के निशान नहीं मिले। लैब की रिपोर्ट में भी शारीरिक संबंध बनाए जाने का कोई तथ्य नहीं मिला। वहीं, जिस कमरे में दुष्कर्म किए जाने की बात कही गई थी उसी कमरे में पीड़िता की सगी मां, सौतेली मां और सौतेली बहन भी सो रही थी। उन्होंने भी इस प्रकार की घटना होने से इनकार किया था। वहीं, पीड़िता ने बयानों में भी विरोधाभास मिला था।
घर में पीड़िता की सगी मां, सौतेला पिता, सौतेली बहन और सौतेले दो भाई रहते थे। पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि जब दुष्कर्म की घटना हुई तब परिवार के सभी सदस्य घर में ही थे। न्यायालय में परिजनों की गवाही हुई तो किसी ने भी दुष्कर्म की घटना होने से इनकार किया। यहां तक कि पीड़िता की सगी मां तक ने आरोपों को निराधार बता दिया। परिजनों ने न्यायालय में गवाही में बताया कि बेटी सिलाई का काम करती थी। पिता ने बेटी से तीन हजार रुपये उधार लिए थे। इन्ही रुपयों को लेकर बेटी ने पिता के साथ विवाद किया था। इसके बाद वह सिलाई के रुपये लेने की बात कहकर कहीं चली गई। दूसरे दिन वापस लौटने पर पिता ने उसे ऐसा नहीं करने को समझाया। इस पर बेटी ने कोतवाली पहुंचकर पिता के ही खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करवा दिया। न्यायालय में जिरह के दौरान बेटी की तहरीर, 164 के बयान और परिजनों की गवाही में सारे आरोप झूठे मिले। न्यायालय ने सौतेले पिता को दुष्कर्म के आरोप से बरी कर दिया। सौतेला पिता बीते एक साल 11 माह से जेल में बंद है।

