टनकपुर। बरसात में पहाड़ों में भूस्खलन व बाटनागाड़ को देखते हुए मां पूर्णागिरि धाम के कपाट अब रात को नहीं खुलेंगे। श्रद्धालुओं के लिए शारदीय नवरात्र तक रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक मुख्य मंदिर दर्शन के लिए बंद रहेगा। मंदिर समिति ने यह फैसला लिया है।
उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का समापन होने के बाद 21 जून से मंदिर में रात के समय दर्शन करने पर रोक लगा दी है। मंदिर समिति के अध्यक्ष पंडित किशन तिवारी ने बताया कि यह व्यवस्था शारदीय नवरात्र से पूर्व तक बनी रहेगी। मानसून सीजन में पहाड़ों से भूस्खलन व बाटनागाड़ के खतरे को देखते मां पूर्णागिरि मंदिर समिति ने यह फैसला लिया है। अब श्रद्धालु सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक दर्शन कर सकेंगे। इधर विगत दिनों बाटनागाड़ नाले में मलबा आने के कारण पूर्णागिरी देवी दर्शन पर रोक लगा दी गई थी, जिसे अब हटा दिया गया है। एसपी अजय गणपति के अनुसार बाटनागाड़ नाले से मलबा हटाने के बाद पूर्णागिरि देवी दर्शन पर लगाई रोक को हटा लिया गया है। बताया कि दिन में वाहनों की आवाजाही हो सकेगी। शाम छह बजे बाद पूर्णागिरि मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी।
