देहरादून। उत्तराखंड सरकार राज्य की 25वीं वर्षगांठ पर हरित स्वास्थ्य प्रणाली की ओर ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है। सरकार अब घरों पर बेकार पड़ी एक्सपायर व प्रयोग में ना आने वाली दवाओं की सुरक्षित वापसी की नीति तैयार कर रही है।
दरअसल, कई बार उपयोग नहीं होने से दवाई लंबे समय तक बेकार घरों में ही पड़ी रहती है, जिन्हें लोग अक्सर कूड़े में फेंक देते हैं। जो पर्यावरण के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में सरकार अब दवाओं के सुरक्षित निस्तारण के लिए नीति तैयार करने जा रही है। इसके तहत बेकार या एक्सपायर दवाओं की सुरक्षित वापसी के लिए मैकनिज्म तैयार किया जाएगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की ओर से राज्यों को दिए गए निर्देश के बाद अब राज्य सरकार इस दिशा में काम शुरू करने जा रही है। इसके लिए शहरी, अर्ध-शहरी और पर्वतीय इलाकों में चरणबद्ध ढंग से ड्रग टेक बैक साइट्स स्थापित की जाएंगी।
