देहरादून/हल्द्वानी। अनुबंधित ढाबों पर बसें नहीं रोकने के मामले में काठगोदाम डिपो में दस से ज्यादा ड्राइवर-कंडक्टरों को ड्यूटी से हटाया गया है। इस कार्रवाई से नाराज उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इसका विरोध किया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड रोडवेज परिवहन निगम ने दिल्ली समेत कई अन्य रूट पर ढाबों से अनुबंध किया है। रोडवेज बसें केवल उन ढाबों पर ही रुकेंगी जिनके साथ निगम का अनुबंध है, न कि किसी भी ढाबे पर। इससे यात्रियों को सुविधा होने के साथ ही निगम को आर्थिक लाभ मिलता है। इन अधिकृत ढाबों से रोडवेज को रोजाना एक लाख रुपये की आय होती है।
रोडवेज प्रबंधन को शिकायत मिल रही थी ड्राइवर-कंडक्टर अधिकृत ढाबों पर बसें नहीं रोक रहे हैं। इस मामले में महाप्रबंधक-संचालन ने अधीनस्थ अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए थे। साथ ही शिकायत सही पाए जाने पर ड्राइवर-कंडक्टरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद रोडवेज के काठगोदाम डिपो प्रबंधन ने कार्रवाई करते हुए दस से ज्यादा ड्राइवर-कंडक्टरों को ड्यूटी से हटाया है। रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि रूट से हटाने के बाद यदि ड्राइवर-कंडक्टर अपनी गलती स्वीकार नहीं करते हैं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है। उनका डिपो बदलने के साथ ही नौकरी से बाहर भी निकाला सकता है।
रोडवेज महाप्रबंधक (संचालन) पवन मेहरा ने बताया कि सभी ड्राइवर-कंडक्टरों को कई बार निर्देशित किया जा चुका है कि अनुबंधित ढाबों पर ही बसों को रोकें, लेकिन कुछ इस आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ डिपो स्तर से कार्रवाई की जा रही है।
इधर रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत का कहना है कि काठगोदाम डिपो से ड्राइवर-कंडक्टरों को ड्यूटी से हटाये जाने से कर्मचारियों में आक्रोश है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन ढाबों से अनुबंध किया गया, उनकी सेवाएं ठीक नहीं हैं, जिस कारण यात्री ऐसे ढाबों पर रुकने को मना करते हैं। यात्रियों के दबाव में ड्राइवर-कंडक्टर दूसरे ढाबों पर बसें रोकते हैं।
