हल्द्वानी। उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। मौसम विभाग ने प्रदेश के नौ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। सरकार ने आज एक दिन के लिए चारधाम यात्रा स्थगित कर दी है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। विगत दिनों हुई बारिश से प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जानमाल के नुकसान की भी सूचना है।
गौरतलब है कि उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट के सिलाई बैंड के पास शनिवार को देर रात बादल फटने से यमुनोत्री हाईवे का करीब 20 मीटर हिस्सा बह गया था। बादल फटने से टैंटों में रह रहे नौ मजदूर पानी और मलबे के तेज बहाव की चपेट में आने से लापता हो गए। बचाव दल को दो मजदूरों के शव बड़कोट में यमुना नदी में मिले। दूसरी ओर उत्तरकाशी में एक वाहन अनियंत्रित होकर उफनाई रुपिन नदी में गिर गया। इस दौरान चालक जान बचाने के लिए छत पर चढ़ गया। बताया जा रहा है कि चालक सवारियों उतारने के बाद वापस घर की ओर जा रहा था।
वहीं कुमाऊं के पिथौरागढ़ जनपद में मूसलाधार बारिश से आदि कैलाश मार्ग सहित 12 सड़कें मलबा आने से बंद हो गई। मलबा आने से व्यास, दारमा और चौदास घाटियों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। शनिवार रात धारचूला-तवाघाट-गुंजी सड़क पर दोबाट के पास मलबा आ गया। बीआरओ की हिलवेज कंपनी ने दोपहर में मलबा हटाकर यातायात सुचारु किया, लेकिन कुछ घंटे बाद ही तवाघाट में बोल्डर सड़क पर गिर गए। पिथौरागढ़ जिले की धारचूला-तवाघाट, बांसबगड़-गूंठी, फुलतड़ी-रोजीबुंगा, राया-बजेता, नाचनी-भैंसकोट, बासंबगड़-कोटा, बंगापानी-जाराजिबली, तपोवन-रांथी, नाचनी-बांसबगड़, गंगोलीहाट-गानूरा, डीडीहाट-देवीसूना और सानदेव-तुरगोली सड़कें मलबा आने से बंद हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। नदियों के उफान पर आने से आसपास बसे लोग खतरे की जद में हैं। आपदा की संभावना को देखते हुए सरकार ने अधिकारियों को पहाड़ों और नदी-नालों के किनारे विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, अन्य क्षेत्रों में भी समस्त रेखीय विभागों को हाईअलर्ट पर रखा गया है।
