नैनीताल। हाईकार्ट ने जनपद बागेश्वर स्थित गरुड़ गंगा नदी पर बन रहे बहुमंजिला पार्किंग के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश पारित किए हैं। यह रोक अग्रिम आदेश तक जारी रहेगी। नैनीताल हाईकोर्ट ने गरुड़ नदी किनारे बहुमंजिला पार्किंग निर्माण पर नगर पंचायत गरुड़ व कार्यदायी संस्था ब्रिडकुल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने बागेश्वर जिले के गरुड़ गंगा नदी में 22 करोड़ रुपये की लागत से बन रही बहुमंजिला पार्किंग के निर्माण कार्य पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है। गरुड़ (बागेश्वर) निवासी दिनेश चंद्र सिंह की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि पार्किंग ग्राम पाये क्षेत्र में बननी थी, लेकिन पार्किंग नगर पंचायत गरुड़ के गोलू मार्केट टैक्सी स्टैंड के ठीक ऊपर गरुड़ गंगा नदी के बीचों-बीच बनाई जा रही है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि परियोजना की कार्यदायी संस्थान ब्रिडकुल (पिथौरागढ़) ने शासनादेश 7 जून 2024 का उल्लंघन करते हुए निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इससे नदी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा उत्पन्न होने के साथ ही बरसात के मौसम में बाढ़ का गंभीर खतरा भी बना हुआ है। याचिका में कहा गया है कि 15 मीटर ऊंची, 96 मीटर लंबी और 19 मीटर चौड़ी इस पांच मंजिला पार्किंग का निर्माण यदि इसी तरह जारी रहा, तो यह परियोजना पर्यावरण और स्थानीय जीवन के लिए घातक साबित हो सकती है और सरकारी धन की बर्बादी होगी। कोर्ट ने याचिका को गंभीरता से लेते हुए निर्माण कार्य पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए अगली सुनवाई तक के लिए आदेश सुरक्षित रखा है।
गरुड़ सिविल सोसाइटी ने भी इस निर्माण पर आपत्ति जताई है। सोसाइटी के सदस्यों ने निर्माण कार्य शुरू करने से पहले शासन की ओर से निर्धारित सभी शर्तों के पालने करने की मांग की है। कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल
(एनजीटी ) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए जेसीबी और पोकलैंड जैसी भारी मशीनें सीधे नदी में उतारी गईं। ससे पर्यावरणीय संतुलन पर भी खतरा मंडरा रहा है।
