निशुल्क स्वास्थ शिविर बना पति-पत्नी की मौत कारण

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हरिद्वार। निशुल्क स्वास्थ शिविर में जांच के बाद भर्ती हुए पति-पत्नी की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने एक निजी चिकित्सालय के संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की।
     हरिद्वार जनपद के गाधारोणा में 20 जून को रुड़की के एक निजी अस्पताल के संचालक ने निशुल्क स्वास्थ्य कैंप लगाया। ग्रामीणा ने बताया कि कैंप में 45 वर्षीय लोकेश कुमार, उनकी पत्नी 42 वर्षीय सुमन देवी, 70 वर्षीय सुखबीरी, 50 वर्षीय ब्रह्मपाल, 70 वषीर्य जाहरु और 62 वर्षीय सेवाराम भी जांच कराने पहुंचे। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें कोई बड़ी समस्या नहीं थी। जांच के दौरान डॉक्टरों ने कहा  कि सभी का स्वास्थ्य खराब है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा।  डॉक्टरों ने कहा कि सभी का इलाज आयुष्मान योजना के तहत बनाए गए कार्ड से फ्री किया जाएगा। जिसके बाद सभी लोग रुड़की स्थित निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। ग्रामीणों के अनुसार भर्ती होने के बाद उन्हें दवाइयां दी गई। दवाई खाने के कुछ ही देर बात उनकी हालत बिगड़ने लगी।
     इलाज के दौरान लोकेश और उनकी पत्नी सुमन की हालत बिगड़ गई। परिजनों ने उन्हें देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान मंगलवार सुबह सुमन की मौत हो गई। जब परिजन सुमन का पोस्टमार्टम कराकर रुड़की पहुंचे ही थे कि शाम को पति लोकेश ने भी दम तोड़ दिया। घटना के बाद परिजनों में रुड़की के अस्पताल संचालक के खिलाफ भारी रोष है। परिजनों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मामले में कार्रवाई की मांग की है। वहीं जबकि बुजुर्ग सुखबीरी को ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया।
     बताया जा रहा है कि लोकेश और उसकी पत्नी सुमन गाधारोणा में ईंट भट्टे पर मजदूरी करते थे। उनकी चार बेटियां और एक बेटा है। इसमें से एक लड़की की शादी हो चुकी है। पति-पत्नी की मौत के बाद बच्चे अकेले रह गए हैं।