देवभूमि की दुविधा ! पर्यटकों के लिए हेलीसेवा और मरीज डोली पर

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बागेश्वर। भले ही उत्तराखंड ने इतना विकास कर लिया है कि यहां आने वाला पर्यटक किसी भी धार्मिक अथवा पर्यटक स्थलों में हेलीकॉप्टर से यात्रा कर रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तराखंड के कई जिलों में हवाई सेवाएं भी शुरू की हैं। लेकिन मुख्यमंत्री का यह विकास केवल उन क्षेत्रों के लिए है जिन क्षेत्रों से या तो राज्य को राजस्व मिले अथवा सरकार को अपनी पीठ थपथपाने का अवसर मिल जाए। आजादी के 78 साल बाद और उत्तराखंड बनने के 25 साल बाद आज भी राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उन परेशानियों के साथ जीना पड़ रहा है जिन्हें मुद्दा बनाकर बीजेपी और कांग्रेस बारी-बारी से उत्तराखंड की सत्ता में आए हैं। 

जनपद बागेश्वर की कपकोट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत भद्रकाली गांव में एक बुजुर्गों को तीन किलोमीटर तक डोली में रखकर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया गया। इसके बाद 25 किलोमीटर गाड़ी का सफर करने के बाद 81 वर्ष से बुजुर्गों को कांडा के चिकित्सालय तक लाया गया।

सरकार के लिए एक शर्मनाक बात यह भी है कि इस गांव में वर्ष 2021 में विधायक निधि से सड़क बनाने के लिए 4 साल पहले ही खुदाई कर दी गई थी। 

रविवार को भद्रकाली गांव निवासी 81 वर्षीय गिरीश जोशी का स्वास्थ्य खराब हो गया। गिरीश जोशी के घर से चिकित्सालय की न्यूनतम दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। स्वास्थ्य खराब होने के बाद गिरीश जोशी को गांव के ही प्रदीप जोशी, दीपक जोशी, महेश जोशी, भास्कर जोशी, विपिन जोशी, जयकृष्ण जोशी, देवकीनंदन जोशी, गोपाल जोशी डोली के सहारे तीन किलोमीटर पहाड़ी पगडंडियों का सफर करते हुए सड़क तक लाए। इसके बाद उन्होंने वाहन माध्यम से उन्हें कांड स्थित चिकित्सालय पहुंचाया। 

गांव के ही जगमोहन जोशी ने बताया कि 2021 में विधायक निधि से बनने वाली कांडा–रावतसेरा सड़क को जेसीबी से खोदा गया था। लेकिन पहले ही बारिश के बाद यह सड़क के नाम पर को दी गई जमीन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। तब से आज तक ग्रामीण और इस सड़क की सुध लेने ना तो क्षेत्र के विधायक आए और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी। ग्रामीण कई बार इस क्षतिग्रस्त सड़क के सुधारीकरण और डामरीकरण की मांग कर चुके हैं। लेकिन ना तो आज तक ग्रामीणों की कहीं सुनवाई हो सकी और ना ही सड़क की व्यवस्था सही हो पाई। 

इस बारे में क्षेत्र के विधायक सुरेश गड़िया का कहना है कि यदि ग्रामीण एनओसी देंगे तो गांव को मेरा गांव मेरी सड़क योजना से जोड़ा जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार हर गांव को सड़क से जोड़ने के लिए काम कर रही है।