देहरादून। केंद्रीय मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने दावा किया है कि चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवाओं का संचालन नए मानकों के साथ होगा। नायडू का कहना है कि उत्तराखंड के केदानाथ सहित चारों धामों में वायु यातायात नियंत्रण (एटीसी) चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता है। इसके लिए हेली सेवाओं के संचालन में यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा चारधाम यात्रा में एटीसी को सुदृढ़ करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
शनिवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने कहा कि पहाड़ी राज्यों में हेलीपोर्ट व हेलीपैड का विस्तार किया जा रहा है। उत्तराखंड में 18 हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से पहाड़ी क्षेत्रों में जलवायु व भौगोलिक परिस्थितियों में हेलीकाप्टर सेवाओं का संचालन काफी मुश्किल होता है। इस संबंध में विश्व स्तरीय मानकों का अध्ययन किया जा रहा है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू ने कहा कि पहाड़ी राज्यों में हेलीपोर्ट व हेलीपैड के विस्तार के लिए पहले ही क्षेत्रीय संपर्क योजना संचालित है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल तक हेलीपोर्ट बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए अगले चरण में सितंबर से प्रारंभ होने वाली हेली सेवाओं का संचालन नए मानकों के साथ होगा। इसके साथ ही पायलट, हेलीकाप्टर आपरेशन की फ्रीक्वेंसी में बदलाव या अन्य कदम उठाने के लिए यूकाडा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय विस्तार से चर्चा कर रहे हैं। सितंबर में जब चारधाम के लिए हेली सेवाएं शुरू होंगी तो तब तक ऐसे निर्णय लेंगे कि इनका संचालन सटीक तरीके से हो। विश्वभर के लोग चारधाम यात्रा पर आते हैं। उनकी सुरक्षा व देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
