हल्द्वानी। हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक बेसहारा गाय अंशुल बेनीवाल के पीछे पड़ गई। अंशुल ने अपने को बचाने का प्रयास किया लेकिन गाय ने उसे एक खाली प्लॉट में गिरा लिया। गाय ने अंशुल को पैरों से कुचलने कुचलने लगी। उसे बचाने का प्रयास कर रहे लोगों पर भी गाय हिंसक हो गई। हादसे के बाद अंशुल को काफी चोटें आई हैं, जिसके कारण उसे अस्पताल ले जाना पड़ा। इधर रेवाड़ी नगर परिषद चार माह से 1300 बेसहारा पशुओं को पकड़ने के कागजी दावे कर रहा है। इस घटना ने उनके दावों की पोल खोल कर रख दी है।
भारत में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 11 से 17 जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से आयोजित अभियान का उद्देश्य सड़क दुर्घटना के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। जागरूकता अभियान के बावजूद सड़क हादसों में कोई विशेष कमी नहीं आई है। इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) की माने तो वर्ष 2024 की इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) के अनुसार, भारत में हुई कुल 5.7 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन में से 4.6 प्रतिशत दुर्घटनाएं स्कूली और कॉलेज के आसपास हुईं थीं। वाहन की गति अत्यधिक होना सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। लेकिन अगर बात की जाए आवारा जानवरों के कारण हो रहे सड़क हादसों की, तो इसके प्रति सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्रालय से साथ ही राज्य सरकार भी उदासीन है।
भारत के मुख्यतः महानगरों और शहरी क्षेत्रों में बेसहारा जानवरों के कारण सड़क हादसे एक गंभीर समस्या हैं। बेसहारा कुत्तों, गौवंश और अन्य मवेशियों के कारण सड़क हादसों में न केवल वाहन चालकों को चोटें आती हैं, बल्कि कई बार जान भी चली जाती है। कुत्ते और मवेशी, अक्सर सड़कों पर घूमते रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को अचानक ब्रेक लगाने या दिशा बदलने की आवश्यकता होती है, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं। शहरीकरण के कारण, आवारा जानवरों के लिए भोजन और आश्रय की तलाश में सड़कों पर आना आम हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, बेसहारा जानवरों में आवारा कुत्ते 62 प्रतिशत, गाय 29 प्रतिशत, भैस 4 प्रतिशत सड़क हादसों के कारण हैं।
उत्तराखंड में भी बेसहारा गोवंश को रखने के लिए पर्याप्त गौशालाएं नहीं हैं। प्रदेश सरकार 70 नई गौशालाएं बनाने की योजना बना रही है, लेकिन इन सभी आवारा पशुओं को समायोजित करना मुश्किल होगा। हालांकि उत्तराखंड में वर्ष 2025 में आवारा जानवरों के कारण सड़क हादसों के आधिकारिक आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन वर्ष 2024 में 27,000 से अधिक आवारा पशु सड़कों पर घूम रहे थे, जिससे यातायात और दुर्घटनाओं की समस्या बढ़ रही थी। वहीं जनपद नैनीताल के महानगर हल्द्वानी की मुख्य नगर आयुक्त ऋचा सिंह के अनुसार नगर निगम ने गंगापुर कबडवाल गांव में स्थायी गौशाला का निर्माण कर करीब 400 गोवंश को रखा गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री घोषणा के तहत करीब 2 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्राप्त हुई है. जिसके तहत अब गौशाला की क्षमता को बढ़ाकर 2000 किया जा रहा है। कुमाऊं मंडल विकास निगम ने गौशाला तैयार करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने दावा है कि आने वाले कुछ दिनों में सभी आवारा गोवंशों को पकड़ कर गौशाला में रखा जाएगा।
