योग को संप्रदाय से जोड़ना उचित नहीं: राष्ट्रपति

शनिवार को देहरादून के रेसकोर्स स्थित पुलिस लाइन में योगाभ्यास करतीं द्रौपदी मुर्मु।

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देहरादून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि योग स्वस्थ जीवन जीने की एक कला है। ये किसी धर्म, संप्रदाय या समुदाय से जुड़ा नहीं है। उन्होंने सभी से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग को दैनिक अभ्यास के रूप में अपनाने की अपील की।
        शनिवार को देहरादून के रेसकोर्स स्थित पुलिस लाइन में आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की ओर से विश्व योग दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बतौर मुख्य अतिथि पहुंचीं। उन्होंने कहा कि योग भारत की सौम्य शक्ति का एक शानदार उदाहरण है। योग अब पूरी मानव जाति की साझा विरासत बन गया है। कहा कि योग से दुनियाभर के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। योग की शिक्षा को भ्रांतिवश कुछ लोग किसी पंथ या संप्रदाय विशेष से जोड़ते हैं, जो उचित नहीं है। योग भारत की चेतना और विरासत का केंद्र है। जब परिवार स्वस्थ होगा तभी देश भी स्वस्थ रहता है। भारत की पहल पर योग के प्रति विश्व समुदाय में सम्मान बढ़ा है। योग पद्धति को सही और सरल तरीके से जन सुलभ बनाना योग संस्थानों का दायत्वि है। राष्ट्रपति ने दूनवासियों के साथ योगाभ्यास किया। आमतौर पर साड़ी में ही नजर आने वाली राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मु ने शनिवार को सफेद रंग के सूट-सलवार में योगाभ्सास किया। उन्होंने करीब 40 मिनट तक योग किया।
       राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु शनिवार को उत्तराखंड के तीन दिनी प्रवास के बाद दिल्ली लौट गईं। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनको विदाई दी।