हल्द्वानी। सरकार के आदेश पर उपनल के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद कुमाऊं मंडल के सरकारी विभागों में उपनल कर्मियों की मांग बढ़ गई है। शासन की ओर से नियुक्ति नहीं होने के कारण विभिन्न पदों पर कर्मचारियों के पद रिक्त चल रहे हैं।
दरअसल 26 मई को राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया था। जिसमें उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से नियमित भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। इस आदेश के बाद उपनल से नियुक्ति नहीं हो पा रही है। इसके चलते कुमाऊं के सरकारी विभागों से उपनल कर्मचारियों की मांग की जा रही है। एक महीने के भीतर करीब 80 कर्मियों की मांग विभिन्न विभागों से आई है। स्टेनो, डाटा एंट्री ऑपरेटर समेत अन्य पदों के लिए 35 से अधिक सरकारी विभागों ने उपनल के माध्यम से कर्मचारियों की मांग की है। अधिकारियों की माने तो उपनल के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया पर रोक कारण कारण दस साल से अधिक सेवाकाल वाले उपनल कर्मियों की नियमितिकरण प्रक्रिया का गतिमान होना है।
सरकार के इस आदेश से उपनल में नौकरी के लिए आवेदन करने वालों को भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है। जिसके बाद से वर्तमान तक पांच हजार से अधिक आवेदन लंबित हो गए हैं। पूर्व सैनिकों के आश्रितों को भी भर्ती प्रक्रिया से रोक हटने के आदेश का इंतजार है। ऐसे में विभिन्न सरकारी विभागों से कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर आ रही मांग भी पूरी नहीं हो पा रही है। जिसे फिलहाल उपनल ने लंबित रख दिया है।
उपनल के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी कर्नल आलोक पांडे (सेनि) ने कहना है कि भर्ती प्रक्रिया पर शासन की ओर से से रोक लगाई गई है। जिसके कारण उपनल विभागों को कर्मचारी नहीं दे पा रहे हैं। रोक हटते ही भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
