देहरादूनः लोकसभा अध्यक्ष के प्रोटोकॉल उल्लघंन पर जिलाधिकारी का स्पष्टीकरण

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देहरादून। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रोटोकॉल के उल्लंघन करने पर देहरादून के जिलाधिकारी को स्पष्टीकरण देना पड़ा। लोकसभा सचिवालय के अपर सचिव के पत्र के बाद यह कार्रवाई की गई। फिलहाल मामले का निस्तारण हो गया है।
लोकसभा सचिवालय के अपर सचिव देशराज शेखर ने जिलाधिकारी सविन बंसल के रवैये पर आपत्ति जताई गई। उन्होंने इस संबंध में बीती 17 जून को उत्तराखंड के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) सचिव को एक पत्र भेजा था। इस पत्र की एक कॉपी मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन को भी भेजी गई। पत्र के अनुसार उच्च संवैधानिक पद पर आसीन लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला 12 जून को एक कार्यक्रम के लिए मसूरी आए थे। कार्यक्रम को लेकर देहरादून के जिलाधिकारी और उनके कार्यालय में 10 जून को चार बार और 11 जून को तीन बार फोन किए गए। पत्र में लिखा गया है कि इस दौरान जिलाधिकारी के मीटिंग में होने की बात कही जाती रही। 11 जून को मुख्यमंत्री कार्यालय को इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद दोपहर में डीएम का फोन आया। तब भी डीएम का रवैया सहयोगी नहीं था। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष के देहरादून आने पर भी जिलाधिकारी उनकी अगवानी और बाद में विदाई के लिए भी नहीं पहुंचे। जबकि प्रोटोकाल के अनुसार उन्हें अनिवार्य रूप से मौजूद होना चाहिए था।
लोकसभा सचिवालय ने इस संबंध में डीएम से स्पष्ट आख्या लेकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही कहा गया कि यदि ऐसा न किया गया तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई शुरू की जा सकती है। लोकसभा अध्यक्ष के प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मामला सामने आते ही राज्य की अफसरशाही में खलबली मच गई। 25 जून को प्रोटोकॉल सचिव विनोद कुमार सुमन ने डीएम को पत्र भेजते हुए आख्या देने के निर्देश दिए। सुमन ने मंगलवार को कहा कि समन्वय में गलतफहमी के चलते समय पर बात नहीं हो पाई थी। मामले में डीएम से आख्या लेकर लोकसभा सचिवालय और डीओपीटी का अवगत करा दिया गया है। अब इस प्रकरण का निस्तारण हो गया है।