नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 121 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है। इन सीटों पर मतदान 6 नवंबर को होगा। नामांकन के साथ ही महागठबंधन और इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर खींचतान तेज हो गई है।
पहले चरण की 114 सीटों पर महागठबंधन की सीधी टक्कर एनडीए से होगी, जबकि 7 सीटों पर इंडिया गठबंधन के घटक दल आपस में ही आमने-सामने हैं।
कांग्रेस ने 48 और वाम दलों ने 18 उम्मीदवारों की घोषणा की है। कांग्रेस और आरजेडी के बीच 5 सीटों पर टकराव की स्थिति बनी हुई है। वहीं, तीन सीटों पर कांग्रेस बनाम वाम दल और एक सीट पर वीआईपी बनाम आरजेडी का मुकाबला होगा।
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करते हुए कहा है कि वे “अब डिप्टी सीएम बनेंगे, राज्यसभा नहीं जाएंगे।”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला तेजस्वी यादव लेंगे। उन्होंने कहा, “गठबंधन में छह पार्टियां हैं और सभी की अपनी-अपनी मांगें हैं। कुछ घंटे में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। महागठबंधन में फ्रेंडली फाइट नहीं होगी।”
कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट जैसी स्थिति
- लालगंज: आरजेडी से शिवानी शुक्ला (पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की बेटी) बनाम कांग्रेस के आदित्य कुमार राजा।
- वैशाली: आरजेडी के अजय कुशवाहा बनाम कांग्रेस के ई. संजीव सिंह।
- राजापाकर: कांग्रेस की प्रतिभा कुमारी बनाम सीपीआई(एमएल) के मोहित पासवान।
- रोसड़ा: कांग्रेस के बंके रवि बनाम सीपीआई(एमएल) के लक्ष्मण पासवान।
- बिहारशरीफ: कांग्रेस के उमेर खान बनाम सीपीआई के शिव प्रसाद यादव उर्फ सरदार जी।
- बख्खड़ा: कांग्रेस के प्रकाश दास बनाम सीपीआई के अवधेश कुमार राय।
- तारापुर: आरजेडी के अरुण साह बनाम बीएसपी के सुमलदेव बिंद।
लोजपा (आर) अकेले मैदान में
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि उनकी पार्टी अब अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने बताया कि गठबंधन के प्रयास असफल रहे, इसलिए अब पार्टी अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी।
पारस ने पहले चरण के लिए 25 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिनमें एक सीट पर उनके बेटे को भी टिकट मिला है। खास बात यह है कि पांच सीटों पर पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवान की पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रत्याशी उतारे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे चिराग को नुकसान और महागठबंधन को फायदा हो सकता है।

