हरिद्वार। गंगाजल लेने पहुंचे कांवड़ यात्री अपने पीछे करीब दस हजार मीट्रिक टन पूरा छोड़ गए। नगर निगम को इसे साफ करने में तीन दिन का समय लगा। इसके लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई।

11 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हुई थी, जो 23 जुलाई तक चली। कांवड़ यात्रा समाप्त होने के बाद श्रवण कांवड़ मेले में 10000 से अधिक मीट्रिक टन कूड़ा निकाला। आम दिनों में शहर से रोजाना 250 सौ से 300 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। वहीं मेले की शुरुआत में 600 से 700 मीट्रिक टन कूड़ा निकाला। 19 जुलाई से डाक कावड़ शुरू होने के बाद अगले तीन दिन तक रोजाना हजार से 1200 मीट्रिक टन कूड़ा निकला।

हरकी पैड़ी सहित मालवीय घाट, सुभाष घाट, महिला घाट, भूपतवाला, ऋषिकुल मैदान और बैरागी कैंप आदि क्षेत्रों में जगह-जगह शौच करने के चलते दुर्गंध फैली हुई है। इधर हरिद्वार में प्लास्टिक प्रतिबंध होने के बावजूद कांवड़ यात्रा के दौरान प्लास्टिक का जमकर कारोबार हुआ।

कूड़े की साफ सफाई की व्यवस्था करवाने के लिए चार नोडल अधिकारी के अलावा 11 मुख्य सफाई निरीक्षकों की नियुक्ति की गई है। जिन्हें अलग-अलग घाटों की जिम्मेदारी सौंप गई है। साथ ही 15 ट्रैक्टर ट्रालियां, तीन लीडर, तीन टिपर और आठ सीएनजी वाहन भी तैनात किए गए हैं।

